ग्राम नंगली में सभा - Oct' 2008
सभी रावना राजपूत समाज के नागरिको को मेरा (श्री पूरण सिंह बडागांव का) सादर नमस्कार !!!!!!!!!
*****जय माता दी*****
जय रावना !!! जय रावना !!! जय रावना !!!
राजस्थान
राज्य में आज रावना राजपूतो की शंख्या 40 लाख से अधिक है। फिर भी इस समाज
का राजस्थान में अपना कोई वजूद और पहचान नही है, क्यों ? क्यों की इस समाज
में ऐसे लोग है जो अपनी जाती को बताने में शर्म महसूस करते है। ये अपने
आपको राजपूत कहते है, लेकिन राजपूतो ने कभी भी इन्हे अपना नही माना । हम
राजपूत नही रावना राजपूत है।
कमी और किसी की भी नही है बल्कि हमारी ही है। क्यों की आजादी के 60 साल बाद भी आज तक हम एक नही हुए। और यही कारण है की दुनिया में आज हमारी जाती का कोई वजूद नही है
आज
जब दुनिया चाँद पर घर बसाने को जा रही है वहीं हम आज अपना वजूद, अपनी
जाती, अपना सम्मान खोज रहे है । में तो आख़िर में यही कहूँगा की हमे किसी
जाती या लोगो से दुश्मनी या बैर नही लेना हमे तो सिर्फ़ अपना वजूद पाना है।
हमारी शंख्या 40 लाख की है और
हम एक हो गए, तो हो सकता है की सरकार बना तो नही सकते लेकिन एक होकर तख्ता
तो पलट सकते है। ताकि इन सब की आँखों में रौशनी आ जाए की रावना राजपूत समाज
भी कोई समाज है।
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