ગુરુવાર, 24 ડિસેમ્બર, 2015
રવિવાર, 26 એપ્રિલ, 2015
रावणा राजपूत समाज की बैठक आयोजित
मदनगंज-किशनगढ़-!-
मीरा बावड़ी स्थित रावणा राजपूत समाज के भवन पर रावणा राजपूत समाज की
बैठक का आयोजन रविवार को किया गया। बैठक की अध्यक्षता सोहन सिंह गौड़ ने
की। इस बैठक में 19 अगस्त को होने वाले प्रतिभा सम्मान समारोह व युवक
युवतियों का परिचय सम्मेलन पर विचार विमर्श किया गया। समाज के पदाधिकारियों
ने इसके लिए कई कमेटियों का गठन किया तथा उसके लिए पदाधिकारियों को
दायित्व दिया। बैठक में शिवराम सिंह सोलंकी समाज के अध्यक्ष भागचन्द कछावा
तथा अन्य गणमान्य जन मौजूद थे।
अखिल भारतीय रावणा राजपूत समाज
शिक्षा व संगठन से होगा समाज का विकास - तंवर
नगर युवा महामंत्री पृथ्वीसिंह पंवार ने बताया कि विजन के प्रथम दिन एक सत्र हुआ जिसमें परिचय कार्यक्रम व विजन की रूपरेखा तय की गई। दूसरे सत्र का शुभारम्भ मां सरस्वति के समक्ष दीप प्रज्ज्वल के साथ हुआ। नारायणसिंह पी रावणा द्वारा सामाजिक युवा जागृति विजन, २०१५ से २०२० के कार्यक्रमों को विस्तार से समझाया गया और आगामी कार्यक्रमों के स्थानों के बारे में चर्चा की गई। राष्ट्रीय संयोजक गजेन्द्रंसह सांखला ने विजन के संबंध में वार्षिक कलेण्डर जारी करने एवं विजन के माध्यम से तन-मन धन से सहयोग करने की बात कही। प्राफेसर निम्बसिंह पंवार ने समाज में शिक्षा पर विचार व्यक्त करते हुए नेतृत्व करने वाले लोगों को आगे लाने की बात कही। ओबीसी आरक्षण के संयोजक रणवीरसिंह रावणा ने ओबीसी आरक्षण के इतिहास का वर्णन करते हुए ओबीसी वर्गीकरण की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया। डॉ. गोरधनसिंह सोढा ने नसा प्रवृति के त्याग करने की बात कही। उम्मेदसिंह तवंर ने समाज के विजन को पुरे राजस्थान की प्रत्येक विधानसभा के लोगों तक पहुंचाने की बात कही। विजन में महिलाओं की भागीदारी बढाने की बात कही। साथ ही शिक्षा से समाज का विकास होगा तभी हमारा संगठन मजबूत होगा। अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गोरधनसिंह राठौड ने कहा कि समाज अब जाग चुका है युवा समाज की रीढ की हड्डी बने और आगे बढे साथ ही समाज को अपना राजनैतिक हक मिलना चाहिए। तथा उन्होनें कार्यक्रम में आये हुए मेहमानों का हार्दिक आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया।
पंवार ने बताया कि कार्यक्रम में अहमदाबाद, पूना, सूरत, बदौडा, डीसा, नागौर, अजमेर, सीकर एवं जोधपुर संभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिसमें पूर्व नगर युवा अध्यक्ष हरींसह राठौड, युवा जिलाध्यक्ष सुरेन्द्रसिंह दईया, पार्षद दिलीपसिंह गोगादे, पुरूषोतम सिंह सोढा शिव, नारायणसिंह पी रावणा, संतोषसिंह जसोल, शंकरसिंह अजमेर, गजेन्द्रसिंह सोजत, छेलसिंह वेडाणा, रामसिंह चाडी, रमेशसिंह शिव, मांगसिंह देवडा,अजयसिंह चौहान, विक्रमसिंह राठौड, आदि ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम का सफल संचालन जिलामहामंत्री ईश्वरंसह जसोल ने किया। इस अवसर पर दाउसिंह राजावत, भाखरसिंह सोढा, नाथुसिंह राठौड, जितेन्द्रसिंह सिसोदिया, देरावरसिंह इन्दा, लक्ष्मणसिंह, भवानीसिंह लाखाणी, हिन्दूसिंह रेडाणा, रतनसिंह राणावत, दिलीपसिंह जैसलमेर, मदनसिंह राठौड, भवानीसिंह मेपावत नगर युवा अध्यक्ष, कानसिंह कोटडा, नारायणसिंह पंवार आदि सैकडों समाज बंधुओं ने कार्यक्रम में भाग लिया।
रावणा राजपूत समाज ने डाला महापड़ाव
रावणा राजपूत समाज ने डाला महापड़ाव
रावणा राजपूत समाज ने डाला महापड़ाव
बाड़मेर
रावणा
राजपूत समाज ने बुधवार को कलेक्ट्रेट के बाहर महापड़ाव डाला। प्रदेशभर से
आए समाज के लोगों ने दो युवकों की हत्या को लेकर नामजद आरोपियों की
गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन किया। समाज ने इस मामले की जांच सीबीआई को
सौंपे जाने की मांग उठाई। वक्ताओं ने समाज के लोगों को एकजुट होकर संघर्ष
करने का आह्वान किया। वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर धरना भी जारी
रहा। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को
ज्ञापन सौंपकर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग रखी। कलेक्ट्रेट के बाहर
आयोजित सभा को कई वक्ताओं ने संबोधित किया। पूर्व मंत्री जनार्दनसिंह गहलोत
ने कहा कि समाज के दो युवकों की नृशंस हत्या की गई। मृतक के छह माह पहले
जान को खतरे का अंदेशा जताने के बाद भी पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा
प्रदान नहीं की गई। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि
सवाई माधोपुर में सूरवाल प्रकरण, भंवरी प्रकरण व दारिया मामले में नामजद
रिपोर्ट नहीं होने के बाद भी वहां सीबीआई से जांच करवाई जा रही है। लेकिन
यहां युवकों की हत्या का नामजद मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस एक माह बाद
भी आरोपियों का पकड़ से बाहर होना साबित करता है कि यह सब दबाव के कारण हो
रहा है। इसलिए इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए। समाज के राष्ट्रीय
संयोजक श्यामसिंह ने मामले की निंदा करते हुए कहा कि इस प्रकरण पर पूरा
समाज एकजुट होकर अंतिम लड़ाई लड़ेगा। प्रदेशाध्यक्ष रिंकू कंवर ने कहा कि
दोनों युवकों के परिवारों को आघात लगा है। पुलिस की ओर से पांच दिन में
आरोपियों को गिरफ्तार करने के आश्वासन के बाद एक माह बीत जाने के उपरांत भी
कोई किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है। अब पूरे राज्य में तहसील स्तरों
पर ज्ञापन देकर सीबीआई जांच की मांग की जाएगी। जयसिंह चौहान ने कहा हमारी
गूंज विधानसभा तक पहुंचेगी तब हमारी जीत होगी। जिला युवाध्यक्ष सुरेन्द्र
सिंह दईया ने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर धरना दिया
जा रहा है, लेकिन पुलिस प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। राष्ट्रीय
प्रवक्ता श्यामसिंह ने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करना
दुर्भाग्यपूर्ण है। सोहनसिंह जेतमाल ने पूरे मामले की जानकारी दी।
जिलाध्यक्ष गोरधनसिंह ने सभी का आभार जताया।
इन्होंने भी किए विचार व्यक्त
महापड़ाव
को देवाराम महाराज, चैनसिंह तिलवाड़ा, नारायणसिंह सिरोही, प्रेमसिंह,
अमरसिंह पाली, किशनसिंह राठौड़, ईश्वरसिंह चौहान, चैनसिंह भाटी, जयसिंह
चौहान, जयदीपसिंह चुरू, मानसिंह देवड़ा, गजेंद्रसिंह सांखला, कल्याणसिंह
वीदावत, सुरेंद्रसिंह दईया, पृथ्वीसिंह पंवार, अजयसिंह कच्छावा,
राजेंद्रसिंह राखी, हरिसिंह राठौड़, नाथूसिंह, पार्वती राठौड़, बंशीसिंह
परिहार, नारायणसिंह दोहट, ओमसिंह देवड़ा, गुमानसिंह जोधा, जबरसिंह,
राजवीरसिंह भीलवाड़ा समेत कई ने संबोधित किया।
सीबीआई जांच की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
महापड़ाव
के बाद प्रतिनिधिमंडल ने जनार्दनसिंह गहलोत के नेतृत्व में मामले की
सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन
सौंपा। साथ ही मांगे नहीं माने जाने पर पूरे राज्य में तहसील स्तरों पर
ज्ञापन व प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। वहीं आगामी रणनीति बनाकर जोधपुर व
जयपुर में महापड़ाव भी डालने की चेतावनी दी। महापड़ाव के दौरान पुलिस की
व्यवस्था चाक-चौबंद रही।
राजपूतों की उत्पत्ति
राजपूत वंश की उत्पत्ति के विषय में विद्धानों के दो मत प्रचलित हैं- एक
का मानना है कि राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी है, जबकि दूसरे का मानना है
कि राजपूतों की उत्पत्ति भारतीय है। 12वीं शताब्दी के बाद के उत्तर भारत के
इतिहास को टॉड ने 'राजपूत काल' भी कहा है। कुछ इतिहासकारों ने प्राचीन काल
एवं मध्य काल को 'संधि काल' भी कहा है। इस काल के महत्वपूर्ण राजपूत वंशों
में राष्ट्रकूट वंश, दहिया वन्श, डांगी वंश, चालुक्य वंश, चौहान वंश,
कटहरिय़ा वंश, चन्देल
वंश, सैनी, परमार वंश एवं गहड़वाल वंश आदि आते हैं। राजपूत सुध्ध रूप से
१००% भारतीय है, इन्हें राम और कृष्ण के वंस से माना गया है !, हर्षवर्धन
की मृत्यु के उपरान्त जिन महान शक्तियों का उदय हुआ था, उनमें अधिकांश
राजपूत वर्ग के अन्तर्गत ही आते थे। ऐजेन्ट टोड ने 12वीं शताब्दी के उत्तर
भारत के इतिहास को 'राजपूत काल' भी कहा है। कुछ इतिहासकारों ने प्राचीन काल
एवं मध्य काल को 'संधि काल' भी कहा है। इस काल के महत्त्वपूर्ण राजपूत
वंशों में राष्ट्रकूट वंश, चालुक्य वंश, चौहान वंश, चंदेल वंश, परमार वंश
एवं गहड़वाल वंश आदि आते हैं।
विदेशी उत्पत्ति के समर्थकों में महत्वपूर्ण स्थान 'कर्नल जेम्स टॉड' का है। वे राजपूतों को विदेशी सीथियन जाति की सन्तान मानते हैं। तर्क के समर्थन में टॉड ने दोनों जातियों (राजपूत एवं सीथियन) की सामाजिक एवं धार्मिक स्थिति की समानता की बात कही है। उनके अनुसार दोनों में रहन-सहन, वेश-भूषा की समानता, मांसाहार का प्रचलन, रथ के द्वारा युद्ध को संचालित करना, याज्ञिक अनुष्ठानों का प्रचलन, अस्त्र-शस्त्र की पूजा का प्रचलन आदि से यह प्रतीत होता है कि राजपूत सीथियन के ही वंशज थे।
विलियम क्रुक ने 'कर्नल जेम्स टॉड' के मत का समर्थन किया है। 'वी.ए. स्मिथ' के अनुसार शक तथा कुषाण जैसी विदेशी जातियां भारत आकर यहां के समाज में पूर्णतः घुल-मिल गयीं। इन देशी एवं विदेशी जातियों के मिश्रण से ही राजपूतों की उत्पत्ति हुई।
भारतीय इतिहासकारों में 'ईश्वरी प्रसाद' एवं 'डी.आर. भंडारकर' ने भारतीय समाज में विदेशी मूल के लोगों के सम्मिलित होने को ही राजपूतों की उत्पत्ति का कारण माना है। भण्डारकर, कनिंघम आदि ने इन्हे विदेशी बताया है।। इन तमाम विद्वानों के तर्को के आधार पर निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि, यद्यपि राजपूत क्षत्रियों के वंशज थे, फिर भी उनमें विदेशी रक्त का मिश्रण अवश्य था। अतः वे न तो पूर्णतः विदेशी थे, न तो पूर्णत भारतीय।
विदेशी उत्पत्ति के समर्थकों में महत्वपूर्ण स्थान 'कर्नल जेम्स टॉड' का है। वे राजपूतों को विदेशी सीथियन जाति की सन्तान मानते हैं। तर्क के समर्थन में टॉड ने दोनों जातियों (राजपूत एवं सीथियन) की सामाजिक एवं धार्मिक स्थिति की समानता की बात कही है। उनके अनुसार दोनों में रहन-सहन, वेश-भूषा की समानता, मांसाहार का प्रचलन, रथ के द्वारा युद्ध को संचालित करना, याज्ञिक अनुष्ठानों का प्रचलन, अस्त्र-शस्त्र की पूजा का प्रचलन आदि से यह प्रतीत होता है कि राजपूत सीथियन के ही वंशज थे।
विलियम क्रुक ने 'कर्नल जेम्स टॉड' के मत का समर्थन किया है। 'वी.ए. स्मिथ' के अनुसार शक तथा कुषाण जैसी विदेशी जातियां भारत आकर यहां के समाज में पूर्णतः घुल-मिल गयीं। इन देशी एवं विदेशी जातियों के मिश्रण से ही राजपूतों की उत्पत्ति हुई।
भारतीय इतिहासकारों में 'ईश्वरी प्रसाद' एवं 'डी.आर. भंडारकर' ने भारतीय समाज में विदेशी मूल के लोगों के सम्मिलित होने को ही राजपूतों की उत्पत्ति का कारण माना है। भण्डारकर, कनिंघम आदि ने इन्हे विदेशी बताया है।। इन तमाम विद्वानों के तर्को के आधार पर निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि, यद्यपि राजपूत क्षत्रियों के वंशज थे, फिर भी उनमें विदेशी रक्त का मिश्रण अवश्य था। अतः वे न तो पूर्णतः विदेशी थे, न तो पूर्णत भारतीय।
पिछड़ा वर्ग में 78 जाति शामिल, विशेष पिछड़े वर्ग में रावणा-राजपूत,
पिछड़ा वर्ग में 78 जाति शामिल, विशेष पिछड़े वर्ग में नौ | |
Tuesday, September 01, 2009
जयपुर, 1 सितम्बर। राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक पिछड़ा वर्ग (राज्य में शैक्षणिक संस्थाओं में सीटों एवं राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्ति के लिए आरक्षण) अधिनियम 2008 के तहत 78 जातियों को पिछड़े वर्ग के रूप में अधिसूचित किया है। अधिसूचना के अनुसार अहीर (यादव), बढ़ई, जांगिड़, खाती, सुथार, तरखान, बड़वा, जछक, भाट, जागा, राव, बागरिया, भड़भुजा, चारण, छींपा (छीपी), भावसर, नामा, खट्टी छीपा, रंगरेज, नीलगर, चौबदार, चूनगर, डाकौत, देशान्तरी, रंगासामी (अडभोपा), डांगी, दरोगा, रावणा-राजपूत, हजूरी, वजीर, दर्जी, देशवाली, धाकड़, धीवर, कहार, भोई, सागरवंशी-माली, कीर, मेहरा, मल्लाह(निसाद), बारी, भिश्ती, मछुआरा, धोबी(मुस्लिम) एवं फारूकी भटियारा को पिछड़ा वर्ग घोषित किया है। इसके अलावा गडरिया (गडरी), गायरी, घोसी(ग्वाला), गड्डी, गड़ीत नागौरी, घांची, गिरि, गोसांई (गुंसाई), हलाली, कसाई, हेला, जगरी, जन्वा, खरडिय़ा (सीरवी), जाट, जोगी, नाथ, सिद्ध, जुलाहा, कांछी (कुशवाहा), शाक्य, कलाल (टाक), कलाल (मेवाड़ा), कलाल (सुवालका), कलाल (जायसवाल), कलाल (अहलूवालिया), कलाल (पटेल), कनबी, कलबी, पटेल, पाटीदार, आंजना, डांगी पटेल, कुल्मी, कण्डेरा, पिंजारा, कायमखानी, खरोल(खारवाल), खेलदार, खेरवा, किरार (किराड़), कोतवाल, कुम्हार (प्रजापति), कुमावत, सुआरा, कुन्जड़ा, राइन, लखेरा(लखारा), कचेरा, मनिहार, लोधे-तंवर, लोधी(लोधा), लौहार, पंचाल, मदारी, बाजीगर(गैर हिन्दू जाति) को पिछड़ा वर्ग घोषित किया है। महाब्राह्मïण (अचारज), फकीर (कब्रिस्तान में कार्यरत), माली, सैनी, बागवान, मेर (मेहरात-कथाट, मेहरात-घोड़ात, चीता), मेव, मिरासी, धाड़ी, लांगा, मांगणियार, मोची (गैर हिन्दू जाति), मोंगिया (मोंग्या), मुल्तानीज, नगाड़ची, दमामी, राणा, बायती (बारोट), नाई, सैन, वेदनाई, नट (गैर हिन्दू जाति), न्यारिया (न्यारगार), ओड, ओर्फन चिल्ड्रन, पट़वा,(फडाल), रायसिख, राठ, रावत, साद, स्वामी, बैरागी, जनगम, सपेरा(गैर हिन्दू जाति), सातिया-सिन्धी, सिरकीवाल, बन्दूक साज (उस्ता), सिलावट (मूर्तिकार एवं सोमपुरा से अलग), चेजारा, सिंधी मुसलमान, सिरकीवाल, सोंधिया, स्वर्णकार, सुनार, सोनी, जडिय़ा, तमोली (तम्बोली), तेली, ठठेरा, कन्सारा (भरवा) तथा विश्नोई जाति को पिछड़ा वर्ग के रूप में घोषित किया है। ( मंगल सैणचा, बेंगलोर senacha@in.com ) |
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सुर्यवंश
सुर्यवंश !
1.नारायण ( परमब्रह्म श्री हरि )
2.विवस्वान आदित्य ( सूर्य नारायण ) दो पत्निय संध्या और छाया
3. मनु (सत्यवृत्त) संध्या या संज्ञा से पैदा हुए थे |
4. इक्ष्वाकु ( महाराज मनु के १० पुत्रो में सबसे बड़े ) महाराज इक्ष्वाकु के १०० पुत्र थे उनमे जयेष्ट ३ थे:-
5. विकुक्षि, निमी, और दंडक उनमें से ज्येष्ठ तीन थे |
6. पुरंजय महाराज विकुक्षि के जयेष्ट पुत्र थे | वे काकुत्स्थ and इन्द्रवः के रुप में भी प्रसिद्द थे |.
7. अनन्या -
8. पृथु (जिनके नाम से यह भूलोक पृथ्वी कहलाई ) -
9. विशत्रभ्वा -
10. चन्द्रयुवनाश्व -I
11. शावस्ता -
12. वृहदाश्व
13. कुवलयअश्व -
14. दृढाश्वा
15.प्रमोद
16.हर्याश्व I
17.निकुम्भ
18.संताश्व
19.कृशास्व
20.प्रसेनजित I
21 .युवनाश्व -- . (युवनाश्व के कोई पुत्र नहीं हुआ, तब उन्होंने एक यज्ञ किया किन्तु वे मंत्रित कलश के जल को रात्रि में पी गए तो महाराज यवान्श्व के पीठ फोड़कर महाराज मान्धाता जो की सतयुग के सबसे प्रतापी राजा मने जाते है पैदा हुए थे. )
22 .मान्धाता ( उन्होंने बिंदुमति जो की राजा सताबिंदु की पुत्री थी से शादी की थी )
23 .अम्बरीश, ( महाराज मान्धाता के ३ पुत्र में सबसे बड़े थे ) यह ज्ञात इतिहास के पहले चक्रवृति सम्राट थे, जिनके राज्य में सूर्यास्त नहीं होता था | वर्तमान अम्रीका पूर्व में इन्ही के नाम से अमरिषा कहलाती थी )
24.पुरुकुत्स
25.त्रासदास्यु ( महाराज पुरुकुत्स और नर्मदा बेटा ) त्रासदास्यु के वंश जारी
26 .संभूत
27.अनारान्य -
28 .त्रहदाश्व -
29 .हरयाश्व -II ( हस्त )
30 .वसुमन-
31 .त्रिधन्वा -
32 .त्रययिअरुण
33 .सत्यव्रत-त्रिशंकु ( महाराज सत्यव्रत ने सशशीर स्वर्ग जाने के लिए महर्षि विश्वामित्र जी ने भेज दिया था किन्तु बाद में दुसरे स्वर्ग में उन्हें भेजा गया जिससे वे त्रिशंकु के रूप में प्रसिद्द हुए थे )
34 .सत्यवादी महाराज हरिश्चंद्र -
35 .रोहिताश्व
36 .हरित-
37 .चनाचू-
38.विजय-और वसुदेव-
39.रूरक -
40. विरक-
41. बाहू--
42. सागर या सगर (जिनकी ६०००० प्रजा ( प्रजा भी पुत्र ही होती है ) कपिल मुनि ने भस्म कर दी थी )
43. असमंजस-
44. अंशुमान-
45.दिलीप-I
46.भागीरथ- जो श्री गंगाजी को पृथ्वी पर लाये |
47. श्रुत-
48. नाभ-
49.अम्बरीश
50.सिन्धुद्वीप-
51.अयुतायु --
52.श्रुतुपर्ण
53.सर्वकाम I
54.सुदास
55.सुदास
56. मित्रसाह
57.अश्मक--
58.सर्वकाम II--58.दशरथ--( श्री राम के पिता नहीं )
59. ऐदैवादी-
60. बलिक ---
61.अनानारान्य III
62.निघ्न
63.रघु I
64.दुलीदूह
65.खात्वांग, महाराज दिलीप कहा गया |
66.दीर्घबाहु जिन्हें महाराज रघु-कहा गया |
67. अज -
68. महारज दशरथ-
69.श्री राम ,भरत,शत्रुघ्न एवं लक्ष्मण जी .
70. कुश और लव-------( श्री राम और माता सीता के २ पुत्र जुड़वां थे जिनमे कुश बड़े और लव छोटे थे | श्री राम ने कौसल साम्राज्य को दो हिस्सों में बाँट दिया कुश को उत्तरी कौसल जिसकी राजधानी अयोध्या थी और लव को दक्षिणी कौसल दिया गया | कुश का विवाह नागवंश के प्रसिद्द राजा कुमुद की बहिन राजकुमारी कुमुद्दति से हुआ और उनके आगे सूर्य वंश की मूल शाखा अयोध्या में राज्य करती रही )
71.अतिथि
72. निषाध
73. नल----प्रथम(महारानी दमयंती के पति)
74..नाभ---
75. पुंडरिक--
76. क्षेमान्धवा---
77. देवानीक----
78. अहिनागु,,
79. रूप एंड रूरू
80. परिपत्र--
81. देवल--
82. बल--
83. रक्त्धन
84. वज्रनाभ
85. शंख--
86. विश्वशः -- द्वितीय
87. हिरान्यनाभ---
88. पुष्य--
89. ध्रुवसन्धि--
90. सुदर्शन--
91. अग्निवर्ण--
92. शिघरगा-
93. मरू--
94. प्रसुत--
95. सुसन्धि--i
96. अमरषा-
97.विश्रुत्वान--
98.विश्रव बाहु --
99. प्रसेनजित I-प्रथम
100.तक्षक--
101.ब्रिहद्बल- ( महाभारत युद्ध में महारथी अभिमन्यु के हाथो वीरगति को प्राप्त हुआ था )
102.ब्रहात्क्षत्र--
103.अरुक्षय---
104. वात्सव्युहा---
105.प्रतिव्योम--
106. दिवाकर---
107. सहदेव---
108.वृहदाश्व --
109.भानुरथ--
110.प्रतीतश्व--
111.सुप्रातिका--
112.मरूदेव---
113.सुनक्षत्र--
114.अंतरिक्ष --
115.सुशेन---
116.अनिभाजित-
117.वृहदभानु--
118.धर्मी---
119.क्रितंजय--
120.रणंजय---
121.संजय--प्रथम
122. सत्य --
123.राहुल--
124.प्रसेनजित---II
125.क्षुद्रक----
126.कुलक--
127.सुरथ--
128.सुमित्र - ( वह सूर्य-वंश के अयोध्या में आखिरी महाराज थे | उन्हें ईशा पूर्व चौथी शताब्दी में शूद्र नन्द वंश के सम्राट महापद्म नन्द ने अयोध्या से हटने के लिए बाध्य कर दिया था | इसके बाद वे अपने पुत्र कुर्म सहित रोहतास ( बिहार ) में चले गए राजकुमार कुर्म ने वहां फिर सम्राज्य कायम किया ) जाकर
गहलोत शिशोद वंश
24 शाखा गहलोत शिशोद वंश
रावल बापा जी के 24 कुंवर हुए तथा 24 शाखा गहलोत शिशोद वंश कहलाये !
1. श्री मान रावल बापा जी का खुमाण राव जी का = आहाड़ा
2. श्री मान रावल कचरूजी = कुचेरा
3. श्री मान रावल हासोजी = हुल
4. श्री मान रावल कलोजी
= केलवा
5. श्री मान रावल पीपाजी = पिपाडा
6. श्री मान रावल रूपजी = भीमल
7. श्री मान रावल भटोजी = भटेवरा
8. श्री मान रावल अजोजी = अजबरिया
9. श्री मान रावल मगरूपजी = मंगरोप
10. श्री मान रावल आसोजी = आसावत
11. श्री मान रावल बालाजी = बिलिया
12. श्री मान रावल किकाजी = कडेचा
13. श्री मान रावल मंगलराजजी = मांगलिया
14. श्री मान रावल ओजोजी =
ओजाकरा
15. श्री मान रावल तिकमानि जी =
तिकमायत / तबडकिया 16. श्री मान रावल
बगसोजी = बेस
17. श्री मान रावल धुरजी = धुरनिया
18. श्री मान रावल मुन्द्पालजी = मुन्दावत
19. श्री मान रावल डुंगजी = डालिया
20. श्री मान रावल गोदाजी = गोदा
21. श्री मान रावल द्सोजी = दसाइत
22. श्री मान रावल तलाजी = तलादरा
23. श्री मान रावल भीमजी = भूसालिया
24. श्री मान रावल
जुजाजी = जरफा
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***** जय एकलिंगनाथ जी की सा *****
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Rawna Rajput samaj prathmiktao
हमारी प्राथमिकता है कि -
5. हमारे संगठन का स्वयंसेवक/सदस्य निम्नानुसार शपथ लेकर अक्षरशः पालना करें।
मैं शपथ लेता हूँ कि -
5. हमारे संगठन का स्वयंसेवक/सदस्य निम्नानुसार शपथ लेकर अक्षरशः पालना करें।
मैं शपथ लेता हूँ कि -
हमारे संगठन अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा के साथ पूर्ण निष्ठा और इमानदारी के साथ कार्य करूँगा।
हमारे संगठन या समाज के नाम पर किसी भी दल के पक्ष में राजनैतिक फतवे जारी नहीं करूंगा।
राजनैतिक दलों व्दारा या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में यदि कोई समाजबन्धु इमानदारी से चुनाव लड़ता है तो उसका सहयोग करूँगा।
[ यह शपथ आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में महासभा की रणनीति - एक जिले में एक विधानसभा - के तहत ]
रावणा राजपूत समाज से जुड़े किसी भी संगठन में यदि भ्रष्टाचार व्याप्त है तो उसे समाप्त कर पारदर्शिता स्थापित करूँगा।
संगठन के माध्यम से रावणा राजपूत समाज में तहसील स्तर से जिला और जिला स्तर से राज्य स्तर तक समन्वय स्थापित कर समाज को राष्ट्रीय स्तर पर संगठित करूँगा।
संगठन के समाजहित में समस्त निर्देशों की पालना करूँगा।
वीरेंद्र सिंह रावणा
प्रदेश अध्यक्ष
अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा
09829181562 | 09269031390
www.rawnarajput.com
www.rawnarajput.co.in
www.virendrasinghrawna.com
www.rawnarajputshaadi.com
हमारे संगठन या समाज के नाम पर किसी भी दल के पक्ष में राजनैतिक फतवे जारी नहीं करूंगा।
राजनैतिक दलों व्दारा या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में यदि कोई समाजबन्धु इमानदारी से चुनाव लड़ता है तो उसका सहयोग करूँगा।
[ यह शपथ आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में महासभा की रणनीति - एक जिले में एक विधानसभा - के तहत ]
रावणा राजपूत समाज से जुड़े किसी भी संगठन में यदि भ्रष्टाचार व्याप्त है तो उसे समाप्त कर पारदर्शिता स्थापित करूँगा।
संगठन के माध्यम से रावणा राजपूत समाज में तहसील स्तर से जिला और जिला स्तर से राज्य स्तर तक समन्वय स्थापित कर समाज को राष्ट्रीय स्तर पर संगठित करूँगा।
संगठन के समाजहित में समस्त निर्देशों की पालना करूँगा।
वीरेंद्र सिंह रावणा
प्रदेश अध्यक्ष
अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा
09829181562 | 09269031390
www.rawnarajput.com
www.rawnarajput.co.in
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रावणा राजपूत महासभा
अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा के विशेष आग्रह पर महासभा से जुडे
रावणा राजपूत युवा कार्यकर्ताओं की एक टीम रविन्द्र सिंह पंवार के नेतृत्व
में रावणा राजपूत समाज के विवाह योग्य युवक-युवतियों के लिए www.rawnarajputshaadi.com वेबसाइट का शुभारंभ कर रही है।
जिस पर सम्पूर्ण भारतवर्ष से रावणा राजपूत समाज के अविवाहित, विधुर, विधवा, परित्यक्त युवक-युवतियों के परिचय RAWNA RAJPUT MATRIMONIAL के नाम 500 रूपये On Line Transfer कर के या DD के व्दारा जमा करवा कर कर पंजीकृत कर सकते हैं।
लेकिन महासभा के विशेष आग्रह पर आगामी 12 अप्रैल 2015 तक विवाह योग्य युवक-युवतियों का पंजीयन इस वेबसाइट पर न्यूनतम शुल्क 200 रूपये से पंजीकृत कर सकते है।
आगामी 12 अप्रैल 2015 को महासभा के तत्वावधान में राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित श्री जगदम्बा मातेश्वरी मन्दिर परिसर, नया खेडा, विध्याधर नगर में " रावणा राजपूत युवक-युवति परिचय सम्मेलन " का आयोजन किया जा रहा है।
जिसमें 30 मार्च 2015 तक website पर पंजीकृत biodata की एक Colour full परिचय-पुस्तिका का विमोचन किया जाएगा।
समस्त समाज बन्धुओं से निवेदन है कि इस सुविधा एवं परिचय सम्मेलन में भाग लेकर अन्य फिजूलखर्ची से बचें।
वीरेंद्र सिंह रावणा
प्रदेश अध्यक्ष
अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा
09829181562 | 09269031390
जिस पर सम्पूर्ण भारतवर्ष से रावणा राजपूत समाज के अविवाहित, विधुर, विधवा, परित्यक्त युवक-युवतियों के परिचय RAWNA RAJPUT MATRIMONIAL के नाम 500 रूपये On Line Transfer कर के या DD के व्दारा जमा करवा कर कर पंजीकृत कर सकते हैं।
लेकिन महासभा के विशेष आग्रह पर आगामी 12 अप्रैल 2015 तक विवाह योग्य युवक-युवतियों का पंजीयन इस वेबसाइट पर न्यूनतम शुल्क 200 रूपये से पंजीकृत कर सकते है।
आगामी 12 अप्रैल 2015 को महासभा के तत्वावधान में राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित श्री जगदम्बा मातेश्वरी मन्दिर परिसर, नया खेडा, विध्याधर नगर में " रावणा राजपूत युवक-युवति परिचय सम्मेलन " का आयोजन किया जा रहा है।
जिसमें 30 मार्च 2015 तक website पर पंजीकृत biodata की एक Colour full परिचय-पुस्तिका का विमोचन किया जाएगा।
समस्त समाज बन्धुओं से निवेदन है कि इस सुविधा एवं परिचय सम्मेलन में भाग लेकर अन्य फिजूलखर्ची से बचें।
वीरेंद्र सिंह रावणा
प्रदेश अध्यक्ष
अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा
09829181562 | 09269031390
RAWNA RAJPUT HOUSES - Wikimapia
- 5 ઑગ, 2014 - रावणा राजपूत वो क्षत्रिय है जो सामंत काल में भूमि ना रहने से पर्दा क़ायम न रख सके और अन्य राजपूत जो शासक ...તમે આ પૃષ્ઠની મુલાકાત 4/25/15 ના રોજ લીધી.
RAWNA RAJPUT HOUSES - Wikimapia
wikimapia.org/.../RAWNA-RAJPUT-HO...- RAWNA RAJPUT HOUSES. India / Rajasthan / Sheoganj /. World / India / Rajasthan / Sheoganj World / India / Rajasthan / Pali. Upload a photo ...
Ravana Rajput Matrimony Brides. - Bandhan
www.bandhan.com/female/ravana+rajput/- 6 Matrimony profiles of Ravana Rajput Brides. Ravana Rajput Matrimony. Ravana Rajput Matrimonials. Select Your Match From 55 Lac Active Profiles.તમે આ પૃષ્ઠની મુલાકાત 4/25/15 ના રોજ લીધી.
Mukesh Singh Rawna Rajput | LinkedIn
https://in.linkedin.com/...rawna-rajput/.../... - આ પૃષ્ઠનો અનુવાદ કરોView Mukesh Singh Rawna Rajput's (India) professional profile on LinkedIn. LinkedIn is the world's largest business network, helping professionals like Mukesh ...Vijay Rawna RAjput (@VIJAYRA72072969) | Twitter
https://twitter.com/vijayra72072969- The latest Tweets from Vijay Rawna RAjput (@VIJAYRA72072969): ""We shall never know all the good that a simple smile can do. - Mother Teresa""
Rawna Rajput Samaj, Sirohi (Raj.)
rawnarajputsirohi.blogspot.com/- 1 ફેબ્રુ, 2012 - Rawna Rajput Samaj ki Avadharna :-. Posted by RAWANA RAJPUT SAMAJ RAJASTHAN at 6:11 AM No comments: · Email ThisBlogThis!તમે આ પૃષ્ઠની મુલાકાત 4/25/15 ના રોજ લીધી.
rawna rajput | Flickr - Photo Sharing!
https://www.flickr.com/.../16622888860/ - આ પૃષ્ઠનો અનુવાદ કરો2 ફેબ્રુ, 2015 - rawna rajput. View all sizes · View slideshow · View Exif info. ◣. Share this via... Email; Facebook; Twitter; Tumblr; Pinterest. Grab the link.Rawana Rajput Photos - Times of India
timesofindia.indiatimes.com/.../Rawana-...- Rawana Rajput Photos, Latest Pics of Rawana Rajputand Wallpapers - Photo Gallery of Rawana Rajput on Times of India | Page 10.
Bride - Rajasthani / Marwari / Malwi / Jaipuri - Hindu: Rajput ...
www.jeevansathi.com/bride-Rajasthani-...- 18 ઑક્ટો, 2014 - rawna rajput. Gothra (Maternal). : parmar. Posted By. : Relative/Friend. Go to top. Religion and Ethnicity. Religion. : Hindu. Mother Tongue.
RAWANA RAJPUT SAMAJ: सिविल लाइंस प्रत्यासी ...
rawanarajputsamaj.blogspot.com/.../blog...
16 ડિસે, 2008 - बहुजन समाज पार्टी से सिविल लाइंस प्रत्यासी रणजीत सिंह सोडाला के साथ रावना राजपूत समाज ने चुनाव के ...
Rawna Rajput - YouTube
Rawna Rajput - YouTube
www.youtube.com/watch?v=zESA_iV2o9A5 એપ્રિલ, 2013 - Rawna Rajput દ્વારા અપલોડ કરાયેલRawna Rajput. Rawna Rajput ... real rajput!!!! muh tod jwab to the pakistan in press conference at ...Rawna Rajput Profiles | Facebook
https://www.facebook.com/.../Rawna-Raj...- View the profiles of people named Rawna Rajput on Facebook. Join Facebook to connect with Rawna Rajput and others you may know. Facebook gives people ...
Rawna Rajput Samaj Jodhpur Profiles | Facebook
https://www.facebook.com/.../Rawna-Raj...- View the profiles of people named Rawna Rajput Samaj Jodhpur on Facebook. Join Facebook to connect with Rawna Rajput Samaj Jodhpur and others you ...તમે આ પૃષ્ઠની મુલાકાત 4/25/15 ના રોજ લીધી.
Rajput Meaning of Daroga Ranwa and Gola | Rajputanas
rajputanas.com/rajput.../rajput-meaning-...- 8 માર્ચ, 2013 - rawna rajput; rawana rajput history in hindi; gola rajput; rawana rajput history; ravana rajput caste; rawna rajput history; rawana rajput; daroga ...તમે આ પૃષ્ઠની 2 વાર મુલાકાત લીધી. છેલ્લી મુલાકાત: 4/25/15
Akhil Rajasthan Rawna Rajput Mahasabha
www.rawnarajput.com/- Akhil Rajasthan Rawna Rajput Mahasabha ... Virendra Singh Rawna, President. 807, Behind Gadwal Sabha Bhawan Hatwara Road Jaipur 302 006.
Ravana Rajput Samaj - Zee News - India
zeenews.india.com/.../ravana-rajput-sama...- Ravana Rajput Samaj - Get latest news on Ravana Rajput Samaj. Read Breaking News on Ravana Rajput Samaj updated and published at Zee News.તમે આ પૃષ્ઠની મુલાકાત 4/25/15 ના રોજ લીધી.
Rawna Rajput Samaj ki Avadharna - Newer Posts
rawanarajputsamajrajasthan.blogspot.co...- 1 ફેબ્રુ, 2012 - Rawna Rajput Samaj ki Avadharna :-. jko.kk jktiwr dgs tkus okyh bl tkfr o vU; fiNMh tkfr;ksa dks nkl izFkk ls eqDr djkus esa ekjokMegkjktf/kjkt Jh ...
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